Thursday, May 31, 2012

UPTET / Allahabad Highcourt : टी.ई.टी.-उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर लम्बे इंतज़ार का साया

(साभार: राजेश राव जी, टी.ई.टी.संघर्ष मोर्चा सदस्य, इलाहाबाद)

Case (76039/2011 ) Hearing Details :

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में दिनांक 29/30 नवम्बर 2011 तथा दिनांक २ दिसंबर २०११ को जारी विज्ञापन द्वारा प्रारंभ 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती-प्रक्रिया पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा यादव कपिलदेव लालबहादुर द्वारा दायर याचिका स. 76039/20111 के जरिये तकनीकी आधार पर 4 जनवरी 2012 को दिए गए स्थगनादेश से इस भर्ती-प्रकिया पर लगे ग्रहण के आज समाप्त होने के न सिर्फ आसार समाप्त हुए बल्कि न्यायालय के द्वारा मामले के आगामी सत्र के पूर्व निस्तारण और और खाली पड़े पदों पर नियुक्तियों की सम्भावना समाप्त हो जाने से प्रदेश की शैक्षणिक व्यवस्था की सक्षमता और प्रदेश के करोडो नौनिहालों के शिक्षा के अधिकार के प्रति प्रदेश की विधायिका, कार्यपालिका के साथ साथ न्याय-पालिका की संवेदनशीलता की कलई भी सरे-आम खुल गई है.
जनवरी 2011 से, अर्थात पिछले 5 महीनो से प्रक्रिया के शुरू होने की उम्मीदें लगाये बैठे लगभग पौने  दो   लाख अभ्यर्थियों और उनके लाखो परिजनों पर इस संवेदनहीन व्यवस्था ने अपनी निष्क्रियता से जो कुठाराघात किया है, उसे ये शायद ही कभी भुला सके. 
आज सुबह जब जज श्री अरुण टंडन पीठासीन हुए तो सभी सम्बंधित पक्षों के वकीलों ने इस केस की गंभीरता, इसके निर्णय से हो रही देरी से न सिर्फ अभ्यर्थियों बल्कि उनके परिवारों तथा प्रदेश की शैक्षणिक व्यवस्था और शिक्षा के अधिकार के उद्देश्यों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का हवाला देते हुए उनसे केस को सुनने का अनुरोध किया तो उन्होंने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए इसे 3 जुलाई 2012 को सुनने को कहा.
मध्यावकाश से पहले गंगा-प्रदूषण से सम्बंधित किसी जनहित याचिका की सुनवाई होती रही एवं मध्यावकाश के बाद वे अदालत में बैठे ही नहीं. उनके उठने के समय भी सभी पक्षों द्वारा एक बार पुनः उनसे इस मामले की सुनवाई आज या फिर शीघ्र किसी तिथि में सुनने की गुजारिश की गई पर उन्होंने इसमें कोई रूचि न लेते हुए अपनी पहले वाली बात इस अंदाज़ में दोहराई जिस से प्रथमतया ऐसा लगा जैसे कि वे जान-बूझकर इस मामले को निस्तारित नहीं कर रहे हैं.

 गौरतलब है कि इस मामले में हो रही देरी से इस प्रक्रिया को बचने के के लिए हमारे २ भाइयों ललित मोहन सिंह व रंजीत सिंह यादव द्वारा दायर स्पेशल लीव पेटीशन 280/2012 के निर्णय में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्पष्ट किया था कि चूँकि इस मामले का निस्तारण एकल बेंच के सामने 9 अप्रैल 2012 को प्रारंभ हो रहे हफ्ते में संभावित था, इसलिए इस मामले की अलग से सुनवाई की जरुरत से इंकार किया था पर इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा था कि एकल बेंच को मामले की महत्ता को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द इस मामले का निस्तारण करना चाहिए. 

इसके बावजूद जिस प्रकार इस मामले में तारिख पे तारीखें दी जा रही हैं तथा जिस प्रकार से 25 मई 2011 को शुक्रवार मध्यावकाश के बाद पहले नंबर पे तारिख दी गई, जबकि सामान्य कोर्ट प्रैक्टिस के अनुसार शुक्रवार को मध्यावकाश के बाद का समय डबल बेंच द्वारा सुनवाई के लिए निर्धारित होता है. क्या ये सब मात्र अभ्यर्थियों के लिए भारी पड़ने वाले दुर्भाग्यपूर्ण संयोग हैं या फिर मामले का राजनीतिकरण, सरकार द्वारा अंदरखाने खेला जा रहा खेल या फिर न्यायपालिका पर दबाव, ये सब सवाल सतह पर आ रहे हैं.
इस सारे प्रकरण से असंतुष्ट टी.ई.टी. संघर्ष मोर्चा के लगभग 50 सदस्य इस मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए इसकी शीघ्र सुनवाई की मांग का ज्ञापन लेकर चीफ जस्टिस से शाम को उनके बंगले पर मिलने गए पर उन्होंने इस मामले को कोई महत्त्व न देते हुए साफ-साफ 2 जुलाई तक इंतज़ार करने की सलाह थमा दी. 
उनके अनुसार तमाम केस ग्रीष्मावकाश में जैसे प्रतीक्षारत रहते हैं वैसे ही इस मामले में होना है. उनके स्टाफ ने न सिर्फ यह ज्ञापन लेने से इंकार किया बल्कि हमारे साथियों को रुखे सुर में ऐसा कोई ज्ञापन हाईकोर्ट कार्यालय में देने को कहते हुए रवाना कर दिया.

 वहां से पूर्णतया निराश हमारे साथी जब हाईकोर्ट कार्यालय पहुचे तो वह भी उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला बल्कि वहां से भी उन्हें केवल और केवल निराशा ही हाथ लगी.

इस प्रकार पिछले 5 महीनो से न्यायालय से न्याय की आशा लगाये अभ्यर्थियों को न्यायालय से आज भी  न्याय नहीं, सिर्फ प्रतीक्षा का चिर-परिचित दंश मिला. इसका मतलब यह नहीं की हार मानकर बैठ जाने की स्थिति आ गई है. साथियों, निश्चय यह स्थिति निराशा पैदा करने वाली है, निश्चय ही, इसने आपकी आशाओं पे गाज गिराई है, निश्चय ही आप अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे होंगे, पर आप अपने आप पे भरोसा रखे, अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत रखें, हर हार को नयी चुनौती मानकर उसका सामना नई ताकत और नए हौसले के साथ करें, आप जरूर कामयाब होंगे.

हमारे साथी, हमारे अग्रणी सदस्य लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं और इस कोशिश में हैं कि हम इस जून भर में कुछ ऐसा कारनामा कर डालें कि हमसे भी ज्यादा बेताबी से सरकार 3 जुलाई की प्रतीक्षा करे कि कब यह तारिख आये और कब उसे टी.ई.टी. वालों से चैन मिले, 

हम ऐसा कुछ करने की कोशिश में हैं जिस से न सिर्फ हम कानूनी तौर पे अपनी लड़ाई लादेन बल्कि प्रदेश के कोने-कोने में ऐसे तरीके से अपना विरोध-असंतोष प्रगट किया जाये जिसकी गूँज देश भर में सुनाई दे. 

इसके विवरण सभी साथियों तक शीघ्र ही पंहुचा दिए जायेंगे पर अंत में आप सब से अनुरोध है कि यह यज्ञ केवल चंद आहुतियों से नहीं पूरा होगा, इसमें हार अभ्यर्थी को शामिल होना पड़ेगा, किनारे खड़े रहकर चंद बहादुरों को लड़ाने वाली कौमे लड़ाइयाँ नहीं जीता करती. अपने जीदार साथियों की दमदार लड़ाई को आपने 29/30/31 मई को उनकी लाख बहादुरी  के बावजूद अगर लखनऊ की सड़कों पे दम तोड़ते देखा है तो केवल इसलिए कि इस लड़ाई में उनके अपनों ने ही उन्हें उनके हाल पे छोड़ दिया था,

 उनका साथ देने में कोताही की थी, यकीन जानिए, अगर आप में से चौथाई भी उनका साथ देते तो आज शायद डेट नहीं, फैसला मिलता. जिन्हें विश्वास न हो रहा हो, उनके लिए आप से कमतर, कम काबिल शिक्षामित्रों का उदहारण सामने है. यह सब मैं आपको नीचा दिखाने के लिए नहीं, आपको अगली लड़ाई के लिए तैयार करने के लिए कह रहा हूँ ताकि आपकी अगली लड़ाई में कामयाबी आपके हाथ लगे.



Wednesday, May 30, 2012

UPTET : लखनऊ में टीईटी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, कई जख्मी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने जा रहे शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के सैकड़ों उत्तीर्ण अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं।

टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने नई मेरिट सूची जारी कर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हुए पहले विधानसभा के सामने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया और बाद में बैरिकेटिंग तोड़कर विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस एवं प्रदर्शनकारियों के मध्य हिंसक झड़प हुई।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। टीईटी अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज में 10 से ज्यादा लोग गम्भीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि लखनऊ के पुलिस उपमहानिरीक्षक आशुतोष पांडेय ने किसी के गम्भीर रूप से घायल होने से साफ इंकार किया है।
पांडेय ने कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। विधानसभा और इसके आस-पास के इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। इस समय विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि 72,000 पदों के लिए बीते साल हुई टीईटी भर्ती परीक्षा में भारी गड़बड़ियां सामने आने और इससे जुड़े कुछ अधिकारियों के करोड़ों रुपये के साथ गिरफ्तार होने के बाद अखिलेश यादव सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।


न्यूज़ साभार : अमर उजाला (30.5.12)

UPTET : लखनऊ में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यार्थियों पर लाठीचार्ज

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बुधवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर रहे टीईटी अभ्यर्थियों पर 
जमकर लाठीचार्ज किया गया.


टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने नई मेरिट सूची जारी कर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हुए पहले विधानसभा के सामने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया.

बाद में बैरिकेटिंग तोड़कर विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस एवं प्रदर्शनकारियों के मध्य हिंसक झड़प हुई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.
टीईटी अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज में 10 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि लखनऊ के पुलिस उपमहानिरीक्षक आशुतोष पांडेय ने किसी के गंभीर रूप से घायल होने से साफ इंकार किया है.


उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. विधानसभा और इसके आस-पास के इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं.


उल्लेखनीय है कि 72,000 पदों के लिए बीते साल हुई टीईटी भर्ती परीक्षा में भारी गड़बड़ियां सामने आने और इससे जुड़े कुछ अधिकारियों के करोड़ों रुपये के साथ गिरफ्तार होने के बाद अखिलेश यादव सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.


न्यूज़ साभार :  : SamayLive.com (30.5.12)

UPTET : मांगी नौकरी, मिली लाठियां


UPTET : मांगी नौकरी, मिली लाठियां


विधानभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों पर पुलिस का लाठीचार्ज
घायलों ने सिविल अस्पताल में खुद करवाया इलाज
अभ्यर्थियों को रेलवे स्टेडियम में बंद किया, युवतियों से हाथापाई
टीईटी मेरिट पर शिक्षक बनाने की कर रहे मांग

न्यूज़ साभार : अमर उजाला (30.5.12) 










लखनऊ। विधानभवन के सामने जबरिया प्रदर्शन कर रहे शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास अभ्यर्थियों पर पुलिस ने खूब लाठियां बरसाईं। लाठी चार्ज होते ही भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। इसकी चपेट में कई युवतियां भी आईं। कुछ युवतियों की पुलिस से हथापाई भी हुई। लाठी चार्ज के दौरान कई लोग घायल भी हुए। घायलों ने स्वयं सिविल अस्पताल में अपना इलाज कराया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़ कर चारबाग स्थित रेलवे स्टेडियम में छोड़ दिया। टीईटी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने आरोप लगाया है कि वे शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनके ऊपर जबरिया लाठी चार्ज कर दिया

संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ज्ञापन देकर टीईटी मेरिट पर शिक्षक बनाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि टीईटी पर निर्णय 24 मई तक कर लिया जाएगा। इसके बाद भी कोई निर्णय न होने पर टीईटी पास अभ्यर्थियों ने मंगलवार को विधानभवन पर प्रदर्शन कर धरना देने की घोषणा की थी। टीईटी पास अभ्यर्थी मंगलवार की सुबह ही चारबाग स्टेशन पर एकत्र होने लगे। इसको ध्यान में रखते हुए काफी संख्या में पुलिस चारबाग और विधानभवन धरना स्थल के आसपास लगाई गई थी। चारबाग के आसपास टीईटी पास जितने भी युवक और युवतियां दिखाई दे रहे थे, पुलिस उन्हें पकड़ कर रेलवे स्टेडियम में बैठा रही थी। इसके बाद भी काफी संख्या में टीईटी पास अभ्यर्थी चोरी-छिपे विधानभवन पर पहुंचने में सफल हो गए।

टीईटी पास अभ्यर्थी जबरिया विधानभवन के सामने सड़क पर पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। पुलिस उन्हें समझाकर धरना स्थल पर भेजने का प्रयास किया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस और टीईटी पास अभ्यर्थियों के बीच यह ड्रामा 11.20 बजे तक चलता रहा। एसीएम (पंचम) विनोद कुमार, एसपी सिटी (पूर्वी) राजेश कुमार, सीओ दिनेश यादव के काफी समझाने के बाद भी प्रदर्शनकारी नहीं माने तो उन पर लाठी चार्ज कर दिया गया। 


इसके बाद वहां भगदड़ मच गईं। इसमें आजाद यादव, प्रवीण सचान, नरेश दीक्षित, सीमा आजाद, रमा त्रिपाठी, अशोक त्रिपाठी, सुबोध त्रिपाठी, प्रदीप चौरसिया, नीरज, राजन कुमार, अनिल वर्मा व पवन त्रिपाठी समेत कई घायल हो गए। आजाद यादव, नीरज व सुबोध त्रिपाठी को सिविल अस्पताल ले जाया गया। पुलिस प्रदर्शनकारियों को जबरिया लादकर चारबाग रेलवे स्टेडियम ले गई और वहां पर छोड़ दिया गया


न्यूज़ साभार : अमर उजाला (30.5.12) 
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Message By सारिका श्रीवास्तव :
मनोजकुमार सिंह"मयंक" जी कानपुर के कल्याणपुर में है और मनोज जी का सभी टेटिअन्स के लिये संदेश है कि " मित्रों आप लोग इस आन्दोलन को अनवरत रूप से जारी रखिये वरना समाजवादी आदर्शों का डिंडोरा पीटने वाली यह तानाशाही सरकार आपको आश्वासन का लालीपाप चखाती रहेगी और आपको दिग्भ्रमित करती रहेगी कुछ भी हो जाये लखनऊ से हटिये नही डटे रहिये विवेकानन्द की सिंह गर्जना "उठो जाओ ऐ सिंहों और तब तक चलते रहो जब तक तुम्हें लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये" आपका मार्ग प्रदर्शन करती रहेगी. मै अपना संघर्ष जारी रखूंगा और मुझे पूरा विश्वास है कि आप सरकार को चौतरफ़ा घेरने के प्रयासों में कोई भी नर्मी नही आने देगें "याचना नही अब रण होगा संघर्ष महा भीषण होगा "जय टेट !जय भारत!!!!

UPTET : फूटा टीईटी अभ्यर्थियों का गुस्सा


UPTET : फूटा टीईटी अभ्यर्थियों का गुस्सा


लखनऊ, 29 मई (संसू): बार-बार बस कोरा आश्र्वासन..। आखिरकार एक बार फिर टीईटी (अध्यापक पात्रता परीक्षा)अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी में मंगलवार को हजारों टीईटी अभ्यर्थी फिर सड़क पर उतर आए। विधानसभा भवन के सामने उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस के बल प्रयोग से कई बार भगदड़ मची, जिसमें दर्जनों युवाओं व लड़कियों को चोटें आईं। 

सायंकाल सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। घोषित कार्यक्रम के अनुसार सुबह ही चारबाग पर टीईटी अभ्यर्थियों का जुटना शुरू हो गया था। चारबाग से आगे बढ़ते ही सैकड़ों अभ्यर्थियों को रोक लिया गया और उन्हें उत्तर रेलवे के स्टेडियम ले जाया गया। उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। हजारों की संख्या में अभ्यर्थी विधानसभा के सामने धरना स्थल पर पहुंच गए और सड़क पर जाम लगाने की कोशिश की। पुलिस ने बल पूर्वक उन्हें सड़क से उठाकर किनारे करना शुरू कर दिया, इससे भगदड़ मच गई। भगदड़ में कई लोग चोटिल हो गए। सीतापुर से आए शिवपाल सिंह, हरदोई से आई ट्विंकल यादव, आजमगढ़ से आए आजाद यादव, मधुकर वर्मा, हरदोई से आए पंकज यादव, अवनीश यादव, कानपुर से आए प्रवीन सचान, रमा त्रिपाठी और उन्नाव से आए अतुल तिवारी समेत कई लोग घायल हो गए

गरमी और भगदड़ की वजह से दो-तीन युवक अचेत हो गए। एक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। भगदड़ मचने पर अभ्यर्थी दारुलशफा में घुस गए और धरने पर बैठ गए। लगभग पांच बजे पुलिस ने उन्हें वहां से जबरन उठाने की कोशिश की, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। इस पर करीब पांच सौ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अभ्यर्थियों की अगुआई कर रहे राजेश प्रताप सिंह का कहना था कि सरकार उन्हें बार-बार कोरा आश्र्वासन दे रही है। 
सरकार ने आचार संहिता लागू होने से पहले टीजीटी-पीजीटी की नियुक्तियों पर से रोक हटा ली, लेकिन टीईटी पर आचार संहिता का बहाना बनाकर प्रतिक्रिया से बच रही है


News : Jagran (30.5.12)

UPTET लखनऊः टीईटी छात्रों का विधानसभा के बाहर प्रदर्शन



लखनऊ। यूपी में आज टीईटी में पास हुए छात्रों ने विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। जबदस्त धक्कामुक्की के बाद दर्जनों प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि परीक्षा की प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया जाए। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस पर रोक लगाकर जांच के आदेश दिए थे।
गौरतलब है कि टीईटी के रिजल्ट में घोटाले के जबरदस्त आरोप लगे थे जिसके बाद पुलिस ने सूबे के शिक्षा निदेशक संयज मोहन को गिरफ्तार किया था और कई जगह छापेमारी कर लाखों रुपए बरामद किए थे


News : khabar.ibnlive.in.com (29.5.12)


UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से भरे जाएंगे रिक्त पद

लखनऊ, जाब्यू : प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के रिक्त पदों को टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से ही भरा जाएगा। इसके लिए कार्यवाही की जा रही है।


यह जानकारी बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने मंगलवार को कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह द्वारा किए गए प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही की जा रही है। सहायक अध्यापक के एक लाख 77 हजार 819 पद रिक्त हैं जबकि प्रधानाध्यापकों के 25 हजार 58 पद रिक्त हैं

News : Jagran (29.5.12)

UPTET : भर्ती को लेकर टीईटी शिक्षकों के तेवर कड़े

लखीमपुर खीरी। टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ की बिलोबी मेमोरियल हाल के मैदान में आयोजित बैठक में भर्ती प्रक्रिया को लेकर रोष व्यक्त किया।
बैठक में विधिक सलाहकार बूटा सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा चयन प्रक्रिया में बदलाव करने की है। प्रीती सिंह ने कहा सरकार यदि प्रक्रिया बदलती है तो कन्नौज उपचुनाव व निकाय चुनाव में दुष्परिणाम झेलने को तैयार रहें। जावेद अख्तर ने कहा यदि भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। उपाध्यक्ष दीपक गुप्ता ने बैठक को संबांधित करते हुए कहा वर्तमान सरकार द्वेष भावना से कार्य कर रही है।


न्यूज़ साभार : Amar Ujala (29.5.12)
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चुनाव बहिष्कार करेंगे टीईटी सफल अभ्यर्थी


हरदोई। सपा सरकार ने हर बार युवाओं को छलने का काम किया है। कभी बेरोजगारी भत्ते के नाम पर तो कभी शिक्षक बनाने का सपना दिखा। टीईटी उत्तीर्ण सफल अभ्यर्थियों को ही मेरिट पर चयन दिलाने का आश्वासन दे एक बार फिर से छलने का काम किया है। इससे युवा आहत है एवं निकाय चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं।
यही नहीं यदि इसके बाद भी सरकार इसी तरह युवाओं की उपेक्षा करती रही, तो लोकसभा चुनाव में भी सपा का विरोध करेगी। उक्त निर्णय टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा जनपदीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों व सदस्यों की हुई बैठक में लिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निकाय चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की गई। इसके साथ ही सरकार की बेरोजगारी भत्ता के भी बहिष्कार की भी घोषणा की गई। अभ्यर्थियों ने कहा कि आज सरकार टीईटी अभ्यर्थियों के साथ व्यवहार दोहरा व्यवहार कर रही है।
पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर बंधुआ मजदूरों की फौज तैयार करना चाह रही है। उनके साथ सिर्फ और सिर्फ धोखा ही हो रहा है। ऐसी स्थिति में 29 मई को लखनऊ में सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में विनय कुमार, राघवेंद्र सिंह, फुरकान अली, पंकज श्रीवास्तव, राजीव कपूर आदि मौजूद थे।



न्यूज़ साभार : Amar Ujala (29.5.12)

RTE / TET : आने वाले दो दिन टीईटी अभ्यर्थियों के लिए ऐतिहासिक
कल  सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है कि क्या बी. एड धारी  अभ्यर्थी  , 1 जनवरी 2012  के  बाद भी प्राइमरी शिक्षक की भर्ती के पात्र हैं |
यह फैसला देश के लाखों  बी. एड धारी अभ्यर्थीयों के लिए महत्वपूर्ण है कारण आर टी ई के जरिए सर्वाधिक भर्ती प्राइमरी शिक्षकों की होनी है और योग्य शिक्षकों की कमी को देखते हुए , बी एड धारी अभ्यर्थीयों को नजरंदाज करना बेहद मुश्किल है |
अभी अधिकांश राज्यों में भर्ती शुरू नहीं हुई है जैसे कि - बिहार , उत्तरांचल  , हरयाणा , दिल्ली , राजस्थान , गुजरात , पंजाब , उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश में भर्ती तो समय सीमा से प्रारंभ हुई पर कोर्ट के आदेश से स्टे लग गया , और  इसको देखते हुए एन सी टी ई द्वारा छूट इतना गंभीर मुद्दा  नहीं है , पर आगामी भर्ती प्रक्रियाओं के लीए  एक गंभीर मुद्दा  है ) आदि 
इसको देखते हुए लगता है कि - सुप्रीम कोर्ट के निर्णय बी एड धारी टी ई टी अभ्यर्थीयों के लीए राहत दे सकता  है |

दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी लखनऊ में धरने पर बेठे हुए हैं जो कि सरकार का  रूख जानने के  लिए  परेशान हैं | शायद इसका भी  फैसला  जल्द ही आ जाये |
३१ मई को हाई कोर्ट में  टी ई टी मामले पर विज्ञापन को लेकर सुनवाई होनी है | और यह दिन उत्तर प्रदेश के टी ई टी  अभ्यर्थियों  के  लिए  बेहद महवपूर्ण हैं क्योंकि इसके बाद इलाहबाद हाई कोर्ट की समर वेकेशन
शुरू होनी हैं और फिर हाई कोर्ट १ जुलाई को खुलेगी 

आज मीडिया जिस तरह से टीईटी मामले को दिखा रहा है, उससे लगता है कि वह वास्तविक स्थिति  से भटका रहा है |
उत्तर प्रदेश में जिस तरह से टीईटी  परीक्षा हुई और ओ . एम् . आर की तीन कापी बनाई गयी परिणाम , Answer Key ऑनलाइन जारी की  गयी , 
और धांधली हुई है तो कितने अभ्यर्थी धांधली में लिप्त पाए गए ऐसा कोई प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है 

उत्तर प्रदेश में टीईटी   अभ्यर्थियों    की भर्ती का मामला एक विज्ञापन को लेकर अदालत में चल रहा है , जिसका  फैसला  जानने के लीए अभ्यर्थी काफी समय से बैचेन हैं 
ऐसे पूरे मामले पर चर्चा कराई जाये , तब पता पड़ेगा की अभ्यर्थियों   की पीड़ा क्या है - कैसे उन्होंने रात रात जागकर पढाई की , कितने रूपए की फीस ड्राफ्ट के माध्यम से दी , कितने फार्म भरे ,
कितनी बार लाइन में लगे, बहुत सारे  अभ्यर्थी दूसरे राज्यों से आवेदन करने तथा परीक्षा देने भी आये

इन मीडिया वालों से पूछना चाहिए कि किसी और परीक्षार्थी के नक़ल करने के कारण  क्या इनको भी हाई स्कूल या १२ वी की परीक्षा में फेल कर दिया जाये, और तब तक परीक्षा कराई जाये , जब तक परीक्षा शत प्रतिशत शुद्धता से पूर्ण न हो जाये | तो उनको कैसा लगेगा

कई बार मीडिया ने  भ्रामक ख़बरें दी - जैसे टीईटी सिर्फ पात्रता परीक्षा है, माया सरकार ने चयन का आधार बदल कर गलत किया
 जिसका खंडन हाई कोर्ट के आदेश व एन सी टी ई गाइड लाइन स्वत करती है

प्रिय साथियों/जिलाअध्यक्ष आप सब को मेरा एक सुझाव है, बाकि आप सब समझदार है यह की आप अपने-अपने जिले में जो ज्ञापन २१ मई २०१२ से अन्य दिनों में मुख्यमंत्री जी को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया थे उसकी प्राप्ति प्रति जो आप सब के पास होगी उसकी प्रति के साथ-साथ
दिनांक १ मई २०१२ समाचार पत्र की प्रति जिसमे मुख्यमंत्री जी ने १ हफ्ते में टी.ई.टी. पर फैसला ले लेगे और दिनांक १४ मई २०१२ को प्रकाशित समाचार पत्र जिसमे १० दिन में टी.ई.टी. पर फैसला ले लेगे और २७ मई २०१२ को समाचार पत्र में प्रकाशित की अब टी.ई. टी. पर फैसले निकाय चुनाव के बाद की एक-एक प्रति भाई/बहने अपने साथ लेकर आये और जिस किसी के पास न हूँ आप इस ब्लॉग से प्राप्त कर सकते है और एक प्राथना पत्र अपने-अपने हस्त-लेख  में इस आशय का लिखे की हमने टी.ई.टी. पास किया जैसी भी प्रक्रिया बताई गई हमने उस पर अमल करते हुए फॉर्म भरे अब मामला कोर्ट में हो या और कही हो इससे हमें कोई सरोकार नहीं है अगर हम गलत है तो बताये अगर नहीं तो हमें जल्द से जल्द नौकरी दी क्युकी इससे हमारा हर प्रकार से उत्पीडन हो रहा है इसलिए आज हमें इस चिलचिलाती धुप में आज अपना हक़ मागने आना पड रहा
है नहीं तो हमें क्या जरूरत थी की इस गर्मी में क्यों लखनऊ के चक्कर काटते|


धन्यवाद
राजेश राव (इलाहाबाद)

Thursday, May 17, 2012



UPTET : उत्तर प्रदेश प्रशिक्षु प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया के सम्बन्ध में 16 मई 2012 अपराह्न 1 बजे जन्तर-मंतर, नई दिल्ली में हुई मीटिंग का कार्य-वृत्त

उत्तर प्रदेश प्रशिक्षु प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में कानूनी स्थिति के बारे में देवेन्द्र भाई ने जो जानकारी दी, वह संक्षेप में इस प्रकार है:
1. कोर्ट में इस मामले की पैरवी करने के लिए टी.ई.टी. मोर्चा के सदस्य नितिन मेहता जी, शिव कुमार पाठक जी, वरुण शर्मा जी, विवेकानंद जी, ज्ञानेश जी, देवेन्द्र जी और राजेश राव जी आदि सक्रिय हैं, टी.ई.टी. अभ्यर्थियों के योगदान के साथ-साथ इनके स्वयं के समय और योगदान से टी.ई.टी.संघर्ष मोर्चा इस केस में थर्ड पार्टी (लिस्टेड) है जिसकी ओर से न्यायालय में इस मामले के प्रभावित पक्ष के रूप में टी.ई.ई. उत्तीर्ण बी.एड. डिग्रीधारियों का पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट के दिग्गज वकील आर.एन. सिंह जी और अशोक खरे जी को हायर किया गया है. यह भी स्पष्ट हुआ कि केवल संवादहीनता के कारन गलतफहमिया पैदा हुई जिस से तमाम अन्य ब्लॉग विजिटर्स के साथ साथ स्वयं मेरे द्वारा भी इस मुद्दे पर टी.ई.टी. संघर्ष मोर्चा के उपरोक्त नेताओं के बारे में नकारात्मक टिप्पणिया की गई थीं, जिस के लिए मैं खेद व्यक्त करता हूँ.

2. 2  मई से लेकर 15  मई तक की हर तारीख हमारे लिए देरी का कारण नहीं, बल्कि हमारे मार्ग की बाधाओं को एक-एक कर हटाने का जरिया साबित हो रही हैं. इस केस में माननीय न्यायाधीश महोदय द्वारा स्वयं रुचि ली जा रही है तथा सरकार से हर बिंदु पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए हलफनामे-पे-हलफनामे लिए जा रहे हैं ताकि एक बार प्रक्रिया से स्टे हटने बाद बाद में किसी बाधा के आने की सम्भावना शेष न रहे. इस प्रकार इस केस की सुनवाई अब सही रास्ते पर और सही गति से है जिसमे किसी विपरीत परिस्थिति के आने पर हमारी और से बात रखने के लिए दो प्रतिष्ठित वकील उपस्थित हैं. भारत की अदालतों में केसों के अम्बर को ध्यान में रखते हुए हमे वास्तविकता स्वीकारने और इस में लग रहे समय के मुद्दे पर धैर्य रखने की वास्तव में जरूरत है.
3. 15 मई को कोर्ट में सरकारी वकील ने स्पश किया कि सरकार विशिष्ट बी.टी.सी./बी.टी.सी. तथा टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए अलग से भर्ती करेगी क्यूंकि वर्तमान विज्ञप्ति 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए थी न कि सहायक अध्यापकों के लिए, इस से भी टी.ई. टी.  उत्तीर्ण बी.एड. डिग्रीधारियों के साथ-साथ विशिष्ट बी.टी.सी./बी.टी.सी. तथा टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए भी लाभ की स्थिति बनती है. बी.एड. वालों को जहाँ इस भर्ती से बी.टी.सी./वि.बी.टी.सी. उत्तीर्ण सभी उम्मीदवारों को अलग किये जाने से पूरी 72825 रिक्तियां उपलब्ध हो रही है, वहीँ बी.टी.सी./वि.बी.टी.सी. उत्तीर्ण सभी उम्मीदवारों को बिना बी.एड.डिग्रीधारियों से टी.ई.टी.मेरिट के आधार पर प्रतिस्पर्धा किये नौकरी मिलने की राह बन रही है. इस मुद्दे पर स्वयं न्यायाधीश महोदय ने सरकार से विशिष्ट बी.टी.सी./बी.टी.सी. तथा टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए अलग से भर्ती के लिए निकाले जाने वाली विज्ञप्ति की तिथि 25 मई को स्पष्ट करने को कहा है.

4. कुछ आधारहीन ख़बरों के कारण  अकादमिक और टी.ई.टी. मेरिट समर्थकों के बीच मचे घमासान को लेकर सिर्फ इतना ध्यान दे कि और अभी तक सरकार की मंशा पर ऊँगली उठाने की कोई वजह सामने नहीं आई है बल्कि सरकार आजतक कोर्ट में इस विज्ञापन और इसमें दी गई सभी बातों का, जिसमे चयन प्रक्रिया और चयन का आधार शामिल है, बचाव करती आई है और आज भी वह इस मुद्दे की पेचीदगियां और कानूनी बाधाएं एक-एक कर दूर करने के लिए हलफनामे दे रही है. अगर सरकार को भर्ती न करनी होती तो वह सत्ता में आते ही इस केस को लड़ने के बजाय विज्ञापन को गलत स्वीकार कर लेती और भर्ती स्वतः रद्द हो जाती. अगर सरकार को आधार बदलना होता तो अबतक वह कोर्ट में दाखिल हलफनामों में आधार बदलने का जिक्र करती पर अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. 

5. इस केस में अब साफ़ हो चुका है कि वर्तमान भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के कोई आसार नहीं हैं बल्कि इस केस से जुड़े अलग-अलग मुद्दों के निराकरण के लिए प्रक्रिया में केवल आवश्यक परिवर्तन व संशोधन ही किये जायेंगे. इस केस में चयन के आधार को लेकर आपत्ति की न कोई बात उठी है न ही इस में परिवर्तन की कोई आवश्यकता और सम्भावना है. चूंकि इस भर्ती से सम्बंधित सभी याचिकाएं इस याचिका से सम्बद्ध की जा चुकी हैं, इस लिए अब किसी और पक्ष/व्यक्ति/याचिका की वजह से प्रक्रिया में आगे बाधा आने की सम्भावना भी समाप्त हो गई है. इस लिए या तो कोर्ट के आदेश से वर्तमान विज्ञप्ति में मात्र विचाराधीन बिन्दुओं के निराकरण के लिए संशोधन किया जायेगा, या वर्तमान विज्ञापन की जगह एक नया और सभी बिन्दुओं को समाविष्ट करता हुआ नया विज्ञापन निकाला जायेगा. अतः भर्ती-प्रक्रिया को लेकर निराश होने की आवश्यकता नहीं है.

6. उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 के निरस्त होने के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों, अफवाहों और सुनी-सुनाई बातों पर आँख-मूंदकर भरोसा करने के बजाय सभी अभ्यर्थियों को केवल इस बात पर ध्यान देना है कि स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार और न्याय-विभाग ने इस परीक्षा पर लगे धांधली के आरोपों और तथाकथित सबूतों को और रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट को अपर्याप्त माना है तथा इसके आधार परीक्षा रद्द होने की कोई सम्भावना शेष नहीं है. सरकार द्वारा हलफनामों में भर्ती प्रक्रिया के सम्बन्ध में दिए जा रहे स्पष्टीकरण स्वयं इस बात की पुष्टि करते हैं कि सरकार टी.ई.टी. परीक्षा निरस्त होने की सम्भावना तक पर विचार नहीं कर रही है बल्कि हर बाधा का निराकरण कर इस भर्ती-प्रक्रिया को पूरी करने में लगी है.

7. सरकार इस बात से वाकिफ है कि प्रदेश में प्रशिक्षु अध्यापकों की विज्ञापित पद-संख्या के तुलना में गैर-बी.एड. डिग्रीधारक आवेदकों की संख्या बहुत कम है और विज्ञापन रद्द करने की सूरत में समय-सीमा प्रतिबन्ध के कारण आनेवाले सालों में भी नियुक्ति पूरी होना संभव न होगा, अतः इस भर्ती-प्रक्रिया को बचाना सरकार के लिए भी अत्यंत आवश्यक है. अतः अभ्यर्थियों को भी व्यर्थ के राजनैतिक गुणाभाग व गैर-जरूरी संभावनाओ को टटोलने के बजाय संगठन को मजबूती देने का काम करना चाहिए. 

8. बैठक में इस बात पर भी सहमति हुई कि वर्तमान में हमारा मामला पटरी पर है और न्यायालयों में मुकदमों की भीड़ की वजह से होनेवाली अवश्यम्भावी देरी से घबराये बिना थोडा धैर्य रखना है और किसी तरह का नया कानूनी कदम उठाना तब तक ठीक नहीं जबतक ऐसा करना जरूरी न हो जाये. सुप्रीम कोर्ट में जाने के पक्षधर लोगों से अनुरोध है की जब हाईकोर्ट किसी केस की सुनवाई अब लगातार कर रहा है, निर्देश दे रहा है, सरकार भी निर्देशों को मानकर चल रही है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट जाने का कोई औचित्य व आवश्यकता नहीं है, अगर जरूरत हुई तो उसके लिए भी प्रभावी कदम उठाने के लिए संगठन को मजबूत कने पर ही बल देना है, इसी पर ध्यान देना है.

9. जब हमने देवेन्द्र भाई से इस मामले में हो रहे खर्चों की पूर्ति के लिए जरुरी धन के बारे में पूछा तो भले ही उन्होंने विनम्रतापूर्वक मना किया पर बैठक में तय किया गया कि हर अभ्यर्थी को इसमें संघर्ष मोर्चा के सक्रीय सदस्यों क समय और अबतक के योगदान को स्वीकार करते हुए अब स्वयं भी योगदान करना चाहिए. यह राय बनी कि किसी भी प्रकार की कानूनी समस्याओं से बचने के लिए किसी एक व्यक्ति के खाते में पैसा डालने के बजाय बेहतर होगा कि जिलाध्यक्ष अगर चाहें तो अपने साथियों से धन इकठ्ठा करे और व्यक्तिगत रूप से संघर्ष मोर्चा के उपरोक्त व्यक्तियों से मिलकर उन्हें सौंपे. हम आप सबसे अपील करते हैं कि इस प्रकार की आवश्यकता का पता लगाकर हमे स्वयं आगे बढ़कर अपना योगदान देना है क्यूंकि हमारे स्वाभिमानी भाई इस आन्दोलन के लिए आवश्यकता पड़ने पर भी आर्थिक सहयोग के लिए स्वयं कुछ नहीं कहेंगे. अतः सभी जिलाध्यक्षो से निवेदन है कि इनके सतत संपर्क में रहें और ऐसी आवश्यकता महसूस होने पर ब्लॉग के माध्यम से तथा अन्य माध्यमों से जरुरी सूचनाएं सबतक पहुचाये, इनके अलावा किसी अन्य व्यक्ति के बहकावे में न आयें. बेहतर होगा कि जो जिलाध्यक्ष कुछ योगदान करे, उसकी सूचना ब्लॉग पर डाले ताकि सभी लोगो तक ये सूचनाये पहुच सके और किसी प्रकार के संदेह की सम्भावना न रहे.

10. जहाँ तक टी.ई.टी. उत्तर पुस्तिकाओं में white-fluid के प्रयोग के परनाम का सवाल है, यह एक अमान्य, परन्तु सामान्य रूप से सभी अभ्यर्थियों द्वारा अपनाया जाने वाला तरीका है जिसके प्रयोग के कारण अधिक-से-अधिक आपको सम्बंधित प्रश्न के अंक नहीं दिए जा सकते है. पर ये कोई आपराधिक कृत्य नहीं है जिसके लिए आपको किसी कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़े या आपको परीक्षा से बाहर किया जाये. अतः इस मुद्दे पर भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है.   
आपकी जानकारी के लिए यह बताना भी जरुरी समझता हूँ कि इस मीटिंग के बाद मैंने इस मामले से जुड़े सरे दस्तावेजों के साथ और अबतक के घटनाक्रम को लेकर दिल्ली की एक प्रतिष्ठित कानूनी सलाहकार फर्म के सदस्य से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की तो उन्होंने उपरोक्त सभी बातों पर हमारे रूख को सही ठहराते हुए, हमारे पक्ष को मजबूत बताते हुए हमे हाईकोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा करने की सलाह दी और विश्वास व्यक्त किया कि हम अपनी लड़ाई में कामयाब होंगे. पर हमारी इन बातों का यह मतलब नहीं है कि हम केवल स्वयं को संतोष देने के लिए ऐसी बात कर रहे हैं. 
इस बैठक में सभी लोग इस बात पर एकमत हुए कि यदि कोई निर्णय हमारे विपरीत आता है, जिसकी कोई सम्भावना नहीं है, तो हम इस लड़ाई को सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे, बस अगर आवश्यकता है तो एकजुट रहने की, एक दूसरे पर विश्वास करने की सौ बातों के साथ साथ दो-एक काम भी कर गुजरने के इरादे की. 
जल्दबाजी में अगर कोई बात मैं शामिल न कर पाया हूँ तो बैठक में मौजूद साथियों से अनुरोध है कि कृपया कमेन्ट के माध्यम से उसे भी बाकि साथियों की जानकारी के लिए पोस्ट करे. आपकी प्रतिक्रिया और सुझावों से हमे निश्चित रूप से बल और प्रेरणा मिलेगी. आशा है कि 27  मई की प्रस्तावित बैठक को और सफल बनाने के लिए आप भी स्वयं अपने अधिक से अधिक मित्रों के साथ शामिल होकर इस लड़ाई को शक्ति प्रदान करेंगे. बैठक में आने वाले सभी साथियों को हार्दिक धन्यवाद !  

आपका भाई,
श्याम देव मिश्रा
मुंबई


UPTET/BTC : टी ई टी और नया विज्ञापन 

बहुत से अभ्यर्थी , इलाहबाद हाई कोर्ट के निर्णय से बेचेन हैं कि बी टी सी / विशिष्ट  बी टी सी की अभ्यर्थीयों के लीए  अलग विज्ञापन निकले जाने का क्या मतलब है |
मेरा मानना है कि बी टी सी / विशिष्ट  बी टी सी  भी बी. एड . की तरह एक कोर्स है और हो सकता है कि टी ई टी पात्रता मान कर छूट सिर्फ उन्ही अभ्यर्थीयों को मिली हो , जिनके बी टी सी साथी / बेचमेट पहले ही नियुक्ति  
पा चुके हैं पर टी ई टी अनिवार्यता के चलते उन्हें इस पात्रता परीक्षा को पास करना था |
परन्तु नयी नियमावली के अनुसार शिक्षकों का चयन टीईटी मेरिट के अनुसार है |

साथ ही नए विज्ञापन से बीटीसी अभ्यर्थीयों के चयन की बात , टी ई टी परीक्षा को पास करने वालों के लीए एक खुश खबरी की तरह है कि अब टी ई टी परीक्षा निरस्त होने की बात करना बेबुनियाद है क्यूंकि बिना टी ई टी परीक्षा के प्राथमिक शिक्षकों का चयन आर टी ई / एन सी टी ई के नियमों का उल्लंघन है और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लीए इस को पूरे देश में समानता के साथ लागु कर दिया गया है 

अब हो सकता है कि बी.एड अभ्यर्थी यों के लीए खुश  खबरी भी हो क्योंकी अगर बी टी सी / विशिष्ट  बी टी सी अभ्यर्थीयों का चयन अलग से किया जाता है अर्थात ७२८२५ के अतिरिक्त नयी वेकेंसी पर किया जाता है ,
तो कई और अभ्यर्थी यों को अवसर मिल सकता है |
कारण - अगर बी टी सी अभ्यर्थी कम अंक पा कर सिर्फ टी ई टी पात्रता को मानते हुए भर्ती हो जाता है , और बी एड अभ्यर्थी अधिक अंक पा कर भर्ती नहीं हो पता है तो समानता के नियम का उल्लंघन कहलायेगा 
इसको संतुलन में लाने के लीए नयी रिक्तिओं पर भर्ती का विज्ञापन निकला जा सकता है  |
वैसे भी यु पी सरकार, शिक्षकों की बेहद कमी से जूझ रहा है और उसको इस सत्र में बहुत सारे योग्य शिक्षक  मिलने जा रहे हैं  , एक साथ इतने सारे टी ई टी क्वालीफइड  शिक्षक मिलने से उत्तर प्रदेश सरकार की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा और शिक्षक छात्र अनुपात भी सुधर जायेगा | कह सकते हैं - नयी सरकार के लीए सोने पे सुहागा और प्राथमिक शिक्षा का कल्याण होने जा रहा है 




 UPTET / BTC / VBTC : उत्तर प्रदेश में ट्रेनिंग पाने वाले अभ्यर्थी बनेंगे शिक्षक 

बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग करने के बाद शिक्षक बनने का इंतजार करने वालों के लिए अच्छी खबर है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर निर्णय होने के बाद सीधे जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा और पात्रता के आधार पर तैनाती दी जाएगी।

इस संबंध में शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों के बीच काफी हद तक सहमति बन गई है। बस इंतजार है तो केवल टीईटी पर अंतिम निर्णय का। हालांकि अभी तक मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट पर न्याय विभाग से राय नहीं मिल पाई है।

यूपी में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पहले दो वर्षीय बीटीसी या फिर छह माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की सीधी नियुक्ति दी जाती रही है पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया गया।

इसके चलते लेट सत्र के कारण करीब 8000 बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त और हाईकोर्ट के निर्देश पर 1500 विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी सीधे शिक्षक बनने से वंचित रह गए। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह अनिवार्य कर दिया कि टीईटी उत्तीर्ण करने वाले ही शिक्षक बनने के लिए पात्र होंगे। बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों ने टीईटी उत्तीर्ण तो कर ली लेकिन विवादों के चलते उनकी भी नियुक्ति रुक गई ।

मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पिछले दिनों बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी मिले थे। मुख्यमंत्री ने इसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग से इनके प्रत्यावेदन पर विचार करने को कहा था। 
सूत्रों की मानें तो उच्चाधिकारियों की बैठक में आम राय बनी है कि टीईटी पर निर्णय होने के बाद बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त उन अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक की नियुक्ति दे जाए तो पात्रता में आते हैं।

News : Amar Ujala (17.5.12)

Tuesday, May 15, 2012


बीटीसी अभ्यर्थियों के चयन का रास्ता साफ
इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश के 72825 टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सहायक अध्यापक पद पर चयन और नियुक्ति के मामले में बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी उर्दू अभ्यर्थियों के चयन का रास्ता साफ हो गया है। बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा अदालत में दिए हलफनामे में कहा गया है कि एक दिसंबर 2011 को जारी संशोधित विज्ञापन को रद करके बीटीसी अभ्यर्थियों के अलग चयन के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। शपथपत्र में चयन प्रक्रिया का भी विस्तृत उल्लेख किया गया है।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने कहा कि सचिव के शपथपत्र में अधूरी सूचनाएं दी गई हैं। इसमें यह नहीं बताया गया है कि विज्ञापन किस तिथि को जारी होगा। कोर्ट ने 25 मई तक विज्ञापन जारी की तिथि बताने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सचिव बेसिक शिक्षा को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया था कि बीटीसी अभ्यर्थियों को छह माह के प्रशिक्षण हेतु बाध्य नहीं किया जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा की ओर से कहा गया है कि बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के नए सिरे से विज्ञापन जारी करने के लिए सभी जिलों के डायट को निर्देश जारी किए गए हैं। विज्ञापन जारी होने के बाद उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा।
  • बेसिक शिक्षा सचिव ने कोर्ट में दिया हलफनामा
  • विज्ञापन रद कर नया विज्ञापन जारी किया जाएगा
  • बीटीसी चयनितों को नहीं करना होगा प्रशिक्षण
  • 25 मई को होगी मामले की सुनवाई
बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रुख स्पष्ट करे सरकार
इलाहाबाद : उच्च न्यायालय ने अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) चयन के तहत नियुक्ति पर रोक की मांग में दाखिल याचिका की सुनवाई की अगली तिथि 25 मई नियत की है। आज राज्य सरकार की तरफ से न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि उर्दू बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी व बीटीसी डिग्रीधारकों को टीईटी मेरिट आधार पर चयन प्रक्रिया से अलग रखा गया है। इन डिग्रीधारकों को भी अन्य टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के चयन में शामिल करने का फैसला लिया था जिसे सरकार ने वापस ले लिया है। अब इन डिग्रीधारकों का अलग से चयन किया जाएगा। सरकार के इस हलफनामे के बाद न्यायालय ने पूछा कि इनकी चयन प्रक्रिया कब शुरू होगी। इन डिग्रीधारकोंने याचिका दायर कर मांग की है कि उन्हें दुबारा प्रशिक्षण लेने के लिए बाध्य न किया जाय और चयनित अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति कर दी जाय। इस पर न्यायालय ने सरकार का रुख जानना चाहा।


Thursday, May 10, 2012



UPTET - Allahabad High Court - Hearing on 15th May 2012 regarding Stay on Primary Teacher Recruitment in UP


CAUSE LIST ALLAHABAD

Cause List
15/05/2012

AT 10.00 A.M.
                    COURT NO. 7

                    HON'BLE MR. JUSTICE ARUN TANDON
                                   For Further Hearing
 WRIT - A                                
 238. DF-PH 76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR      ALOK KUMAR YADAV         
                                                       RAJESH YADAV
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       K.S. KUSHWAHA
 WITH WRIA- 76355/2011 SARASWATI SRIVASTAVA            SAROJ YADAV              
                       Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE  C.S.C.                   
                       -RS                             C.N.TRIPATHI
                                                       R.A.AKHTAR
 WITH WRIA- 76392/2011 SHIVANI                         ABHISHEK SRIVASTAVA      
                       Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE  C.S.C.                   
                       -RS                             RAJEEV JOSHI
                                                       C.N.TRIPATHI
 WITH WRIA- 76595/2011 SABA ANJUM & OTHERS             INDRASEN SINGH TOMAR     
                                                       AMIT KUMAR SRIVASTAVA
                       Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER     C.S.C.                   
                                                       K.S. KUSHWAHA
 WITH WRIA- 1442/2012  VASUDEV CHAURASIA & OTHERS      RAVINDRA PRAKASH SRIV.   
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       AKHILESH KUMAR
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH WRIA- 75392/2011 VIJAY KUMAR TRIPATHI & ANOTHER  AJOY KUMAR BANERJEE      
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       K.A. USMANI
 WITH WRIA- 2614/2012  MAHESH CHANDRA                  BHUPENDRA PAL SINGH      
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       S.S. BHADAURIYA
 WITH WRIA- 2608/2012  MOHD. SADAB                     SYED IRFAN ALI           
                                                       MOHD. NAUSHAD
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       ILLEGIBLE
 WITH WRIA- 6826/2012  VIMLESH KUMAR                   ALOK KUMAR YADAV         
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       R.S. PRASAD
                                                       R.A. AKTAR
 WITH WRIA- 17607/2012 PAWAN KUMAR                     BHAWESH PRATAP SINGH     
                       Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER     C.S.C.                   
 WITH WRIA- 29/2012    SHIV PRAKASH KUSHWAHA           S.K. MISHRA              
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       RAJESHWAR SINGH
                                                       R.A. AKTAR
                                                       K.S.KUSHWAHA

UPTET : शहर में निकाला जुलूस, सड़क पर लेटकर नारेबाजी 
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, लगाया जाम 

•तहसीलदार के ज्ञापन लेने के बाद माने अभ्यर्थी 
• दिया सीएम तक ज्ञापन पहुंचाने का आश्वासन
•टी.ई.टी.उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्यों को उठाते सीओ सिटी ।
सदस्यों को शांत करते तहसीलदार। 














• अमर उजाला ब्यूरो
बाराबंकी। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के बाराबंकी दौरे के ठीक एक दिन पहले मेरिट बनाने की मांग को लेकर टीईटी अभ्यर्थियाें ने जोरदार प्रदर्शन किया। शहर में जुलूस निकालकर बैनर के साथ नारेबाजी करते हुए अभ्यर्थी नेशनल हाईवे पर पहुंचे और तपती सड़क पर लेट गए। इस प्रदर्शन के चलते काफी देर तक जाम लगा रहा और पुलिस को इन्हें हटाने में मशक्कत करनी पड़ी। तहसीलदार द्वारा ज्ञापन लेने के बाद ही अभ्यर्थियाें ने ेजाम हटाया।

मालूम हो कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी पिछले काफी समय से मेरिट बनाये जाने की मांग कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक सोलर प्लांट का उद्घाटन करने बाराबंकी आ रहे हैं। अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए इन अभ्यर्थियों ने ठीक एक दिन पहले जोरदार प्रदर्शन किया। बृहस्पतिवार की दोपहर लखपेड़ाबाग स्थित संगठन के कार्यालय से टीईटी अभ्यर्थी बैनर व पोस्टर के साथ नारेबाजी करते हुए निकले। नारेबाजी करते नेशनल हाईवे होते हुए यह अभ्यर्थी लखनऊ रोड की ओर बढ़ते रहे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सामने पहुंचकर अभ्यर्थी सड़क पर लेट गए और जाम लगा दिया। कुछ ही मिनटाें में दोनाें ओर वाहनाें की कतारें लग गईं। जाम की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और सीओ ने अभ्यर्थियाें को हटाने के लिए कड़ी मशक्कत की पर वे जिद पर अड़े रहे। काफी देर बाद तहसीलदार नवाबगंज ने मौके पर पहुंचकर ज्ञापन लेने के बाद मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया, तब जाकर जाम समाप्त हो सका।

दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि टीईटी परीक्षा के लिए जो पाठ्यक्रम बनाया गया, वह सभी अभ्यर्थियाें के लिए एक समान था। परीक्षा के लिए सभी को एक समान अवसर दिया गया। सभी अभ्यर्थियाें की उत्तर पुस्तिकाआें का मूल्यांकन एक समान जगह पर हुआ। इसलिए टीईटी मेरिट को ही चयन का आधार बनाया जाए। इस जुलूस व प्रदर्शन में यज्ञेश नारायण बैसवार, उमाशंकर यादव, मोहम्मद कासिम, रहमत, शहंशाह आलम, मुकेश शर्मा, आलोक वर्मा, रजनीश वर्मा, विनोद वर्मा, नरेंद्र यादव, अर्चना शुक्ला, अभिषेक श्रीवास्तव, जितेंद्र वर्मा, नीरज कुमार, अश्विनी वर्मा, मुकेश वर्मा आदि शामिल रहे।

UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों का चक्काजाम


UPTET : टीईटी अभ्यर्थियों का चक्काजाम
चक्का जाम से शहर वालों की हुई फजीहत, धूप में झुलसे स्कूली बच्चे


बुधवार को प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करते टीटी अभ्यर्थी

इलाहाबाद। मेरिट से नियुक्ति की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बुधवार को शहर में जमकर हंगामा किया। चन्द्रशेखर आजाद पार्क में बैठक के बाद इन अभ्यर्थियों ने म्योहाल के पास महाराणा प्रताप चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। इससे आने जाने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम में कई स्कूली बसें और अभिभावक घंटों फंसे रहे। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि जाम में फंसी छात्राओं से इन अभ्यर्थियों ने अभद्र व्यवहार भी किया।
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने ठप पड़ी शिक्षक चयन प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर चन्द्रशेखर आजाद पार्क में बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद इन अभ्यर्थियों ने दोपहर 12 बजे महाराणा प्रताप चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम के समय ही सभी स्कूलों में छुट्टी होने के कारण स्कूली बसें, ऑटो और बच्चों की ट्राली जाम में फंस गई। बच्चों को स्कूल से लेकर लौट रहे कई अभिभावकों से टीईटी अभ्यर्थियों की झड़प भी हुई। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि जाम में फंसी छात्राओं और बच्चों के साथ जाम लगाने वालों ने अभद्रता की।
चक्का जाम की वजह से स्कूल से घर जा रहे बच्चों को चिलचिलाती धूप में घंटों परेशान होना पड़ा। धूप, गर्मी और प्यास से परेशान छोटे-छोटे बच्चे रोने लगे। जिन्हे संभालना अभिभावकों के लिए मुश्किल हो गया। चक्काजाम को खत्म करने को लेकर अभ्यर्थियों और शहरियों में कई बार बहस भी हुई। घंटे भर के चक्का जाम में पसीने से तरबदतर होने के बाद बच्चों और शहरियों को जाम से निजात मिली।
अभ्यर्थी जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने के लिए नारेबाजी करते हुए निकले। इस कारण से कई जगहों पर रास्ता जाम हो गया।