Saturday, April 28, 2012


टीईटी में मेरिट पर भर्ती की मांग को लेकर हंगामा

दो मई को मुख्यमंत्री से वार्ता के आश्वासन पर धरना स्थगित
अमर उजाला ब्‍यूरो

लखनऊ। टीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे विभिन्न जिलों के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शनिवार से राजधानी पहुंचकर फिर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सुबह चारबाग से विधान भवन के सामने धरना-प्रदर्शन करने जा रहे इन अभ्यर्थियों को स्टेशन पर ही रोकने की कोशिश की तो उन्होंने स्टेशन पर ही विरोध-प्रदर्शन किया। बाद में हंगामा बढ़ता देख प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को दारुलशफा जाने की अनुमति दी तब अभ्यर्थी चारबाग से मार्च निकाल कर दारुलशफा पहुंच गए। हालांकि देर रात डीआईजी आशुतोष पांडेय टीईटी अभ्यर्थियों को काफी मशक्कत के बाद धरना स्थगित करने को मना पाए। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो मई को जनता दरबार में टीईटी प्रतिनिधियों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस आश्वासन के बाद देर रात टीईटी अभ्यर्थियों ने धरना स्थगित कर दिया।
उधर, धरना स्थगित करने के बाद टीईटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विवेक मिश्रा ने कहा कि दो मई को सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ तो टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन तेज करेंगे। इससे पूर्व शनिवार को चारबाग स्टेशन पर प्रदेश भर से आए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने खूब हंगामा किया। दारुलशफा में प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देेने पर अभ्यर्थियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी किया। टीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर शनिवार को अभ्यर्थियों ने चारबाग से दारूलशफा तक मार्च किया


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ बेंच को एक ही मसले पर समानांतर सुनवाई करने पर कड़ी फटकार लगाई है। शीर्षस्थ अदालत ने हिदायत देते हुए कहा है कि न्याय देने के जोश में उस गंभीर जिम्मेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए जिसकी जजों से उम्मीद की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस दलवीर भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने लखनऊ डबल बेंच द्वारा इलाहाबाद की डबल बेंच के फैसले को नजरअंदाज किए जाने को अनुचित करार देते हुए कहा कि इस मामले में दोनों बेंचों का विरोधाभासी फैसला न्यायिक नियमों के विपरीत है। ऐसी स्थिति में सबसे बेहतर यही था कि मामले को बड़ी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया जाता। सर्वोच्च अदालत के मुताबिक न्यायिक अनुशासनहीनता की स्थिति को काबू करने या समान बेंच के विचार न मिलने की स्थिति में मसले को बड़ी पीठ के समक्ष भेजा जाना ही उचित होता है। पीठ ने कहा कि लखनऊ डबल बेंच को खुद इस मामले पर निर्णय देने का भार नहीं उठाना चाहिए था। शीर्षस्थ अदालत ने कहा कि हमारी राय में दोनों ही बेंच को न्यायिक अनुशासन व शिष्टाचार पर ध्यान देना चाहिए और भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि न्याय देने के जोश में उस गंभीर जिम्मेदारी को नहीं भूला जाना चाहिए जिसकी उम्मीद जजों से की जाती है।
पीठ ने यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी कर्मियों की ओर से दायर उस अपील पर की जिसमें प्रमोशन व वरिष्ठता में आरक्षण देने के राज्य सरकार के प्रावधान को चुनौती दी गई थी। न्याय देने के जोश में उस गंभीर जिम्मेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, जिसकी जजों से उम्मीद की जाती है।
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UPTET : Heavy Crowd of UPTET Candidates Collected  in Lucknow for Anshan

3 week time over and today heavy crowd of TET candidates collected in Lucknow to know progress - When will Recruitment of TET Candidates start

See :









Charbag Station par ikatthe hote hue TET Candidates, Dhoop Paseene mein nahate hue apne haq kee ladaee ladte hue

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Charbag Station se Vidhan Sabha kee aur prstan karte hue TET candidates
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Tanker ka panee peete hue  TET candidates


Candidates did everything acccording to Government rules and NCTE Guidelines regarding RTE implementation.

Candidates want to know Government stand , and saying only culprits should be punished.
Advt. govt. ne nikala, bhartee govt ke niyamon se ho rahee thee va antim padav par thee.
Candidates (TET rank holde) lagbhag select ho chuke the va counselling karke appointment letter deeye jane baki the.

Par ab candidates anishitta ke mahol se ghir chuke hain. Aur ve govt. kee aage kee process janne ke leeye bechen hain - Ki Bhartee kab va kaise hogee.

Akhbaron mein sandeh bharee khabren aa rahee hain ki TET se recruitment cancel ho sakta hai.
Aur sarkaar ka koee spastikaran na aane se candidates bechen ho rahe hain ki ab unke bahvisye ka kya hoga.

Highcourt TET merit se bhartee ke favour mein pehle hee spast kar chuka hai - Kee TET Merit se bhartee niyamo ke vipreet nahin hai. Aur prkria ko achha bhee mana hai.

NCTE guideline mein saaf shabdon mein TET marks kee weightage selection mein dene kee baat kahee gayee.

Kaee TET candidates ka sochna hai ki jab 5 jilon se saare jilon mein aavedan ke leeye vigyapna sansodhit ho sakta hai to ab mamla kahan atak raha hai. (candidates in apna kafee saar paisa, mehnat va keemtee samay is bhartee mein laga deeya aur vo bhee saara govt. ke niymanusaar, to unkee kya galtee hai aur sarkaar akhbaar/news mein aa rahee bhramak khabron ko khandan kyon nahin kar rahee.
Kya TET se bhartee ab cancel ho jayegee, aur begunahon ko saja milegeee ya dosee adhikarion/candidates ko saja milegee. Sarkaar ka rukh kya hai TET candidates ke prati ?

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3 हफ्तों का समय अवधि पूरी हो चुकी और टीईटी अभ्यर्थी दोबारा से लखनऊ में  इकट्ठे हो रहे हैं उन को समझ नहीं आ रहा कि आये दिन अख़बारों के माध्यम से जो भ्रामक ख़बरें आ रही हैं - कि टीईटी से भर्ती निरस्त ही जायेगी या चयन प्रक्रिया में बदलाव हो जायेगा और सरकार ऐसी भ्रामक ख़बरों का खंडन भी नहीं कर रही पहले ५ जिलों से आवेदन वाले विज्ञापन में संसोधन भी हो गया था | पर अब विज्ञापन मामला कहाँ अटक रहा है | अभ्यर्थी कह रहे हैं - कि उनकी क्या गलती , जैसा सरकार ने चाहा उन्होंने आवेदन कर दीया 
कोर्ट भी कह चुका है कि टीईटी  मेरिट से भर्ती नियम विरुद्द नहीं है व टीईटी  अंकों से भर्ती को सराहा भी है 
अभ्यर्थीयों ने अपनी मेहनत, पैसा व् कीमती समय इस टीईटी   परीक्षा से भर्ती में लगा दीया उनकी क्या गलती | जो लोग दोषी हैं - भ्रष्ट / बेईमान अधिकारी व्  जिन अभ्यर्थीयों ने   टीईटी  अंक बढवाने में पैसा दीया , उनको दण्डित किया जाये | चयन प्रक्रिया अंतिम दोर में थी , सिर्फ काउंसलिंग के जरिये नियुक्ति पात्र दीये जाने बाकि थे | पर अचानक अख़बारों में भ्रामक ख़बरें व सरकार का स्पस्टीकरण न आने से अभ्यर्थी  मानसिक तनाव से गुजरने लगे और उनके भविष्य पर काले बादल मंडराने लगे और अब वे पुन : लखनऊ  में अपने हक के लिये  एकत्रित हो रहे हैं , लगता है दोबारा से अनशन / धरना प्रदर्शन होने जा रहा है 

UPTET :नियुक्ति न होने पर आत्महत्या की धमकी

सरकार बीएड बेरोजगारों के साथ कर रही हीलाहवाली

महेवा (इटावा)। उत्तर प्रदेश बीएड बेरोजगार संघ एवं टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को बैठक कर सरकार से नवीन शिक्षा सत्र के पूर्व माध्यमिक, उच्च प्राथमिक एवं इंटर कालेजों में सीधी भर्ती करने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर बीएड बेरोजगारों ने आत्महत्या की धमकी दी है। बीएड बेरोजगार संघ के ब्लाक संरक्षक राजेश कुमार दुबे ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 11 लाख अध्यापकों की प्राथमिक विद्यालयों म आवश्यकता है। जिनमें सर्वाधिक बिहार में दो लाख और यूपी में सवा तीन लाख शिक्षकों की कमी है। वहीं शिक्षामित्रों को यदि स्थायी अध्यापक बना दिया जाए तो भी एक लाख 62 हजार शिक्षकों की जुलाई के पूर्व यूपी में सर्व शिक्षा अभियान के तहत जरूरत हैं। लेकिन पूर्व सरकार की भांति यह सरकार भी बीएड बेरोजगारों के साथ हीलाहवाली कर रही है। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी पंकज प्रताप पाल ने उच्च न्यायालय के 30 अप्रैल के निर्णय के बाद जो भी निर्णय आए अभ्यर्थियों के हित  देखते हुए जुलाई के पूर्व नियुक्ति देने की मांग की है।
पूर्व में बुलंदशहर के महेंद्र सिंह और संत कबीरनगर के अंगद सिंह की आत्महत्या की तरह वे भी अपनी जान देने को विवश होंगे। इस दौरान मोहित शुक्ला, तेजप्रताप, अनुजपाल, अंकुर सक्सेना, धर्मेंद्र दुबे, वास्वी तिवारी, चित्रा चौहान, सुनीता दोहरे, जितेंद्र दोहरे, सत्यवीर आदि रहे।


टीईटी उत्तीर्णों को शीघ्र दी जाए नौकरी, 
 सीएम को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा

मैनपुरी। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शुक्रवार को टीईटी उत्तीर्णों की बैठक कलक्ट्रेट स्थित तिकोनिया पार्क में आयोजित की गई। बैठक के बाद प्रदर्शन कर कहा कि सरकार उनके हितों की अनदेखी कर रही है। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा। शुक्रवार को तिकोनिया पार्क में आयोजित बैठक में त्रिभुवन मिश्रा ने कहा कि सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के हितों की अनदेखी कर रही है। इससे वह मानसिक तनाव में हैं। हाईकोर्ट में भर्ती विज्ञप्ति पर लगी रोक अविलंब हटवाने के साथ ही उन्हें परिषदीय विद्यालयों में तैनाती दी जाए।
अंकुर कुमार ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 30 नवंबर 2011 को प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार मेरिट के आधार पर टीईटी उत्तीर्ण अध्यापकों की भर्ती की जाए। भर्ती प्रक्रिया में विलंब के कारण हम सभी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में विलंब होने के कारण गलत संदेश जा रहा है। अत: तत्काल उन्हें शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए। बैठक के बाद प्रदर्शन कर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा।
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उपेक्षा से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में आक्रोश
कुरावली (ब्यूरो)। शासन द्वारा टीईटी भर्ती परीक्षा निरस्त किए जाने की सिफारिश से नगर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में आक्रोश है। अभ्यर्थियों का कहना है कि शासन द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है। सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। शुक्रवार को नगर के प्राथमिक विद्यालय में आयोजित बैठक में टीईटी उत्तीर्ण रजनीकांत दुबे ने कहा कि बसपा शासन ने प्रदेश में 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी के जरिए विज्ञापन प्रकाशित कराया था। उस समय कम मेरिट वाले बीएड धारकों को आस जगी थी कि वह मेहनत से टीईटी उत्तीर्ण कर शिक्षक बन सकेंगे। टीईटी परीक्षा पर सवालिया निशान लगने के साथ ही सत्ता परिवर्तन हो गया। अब टीईटी भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की शासन ने सिफारिश कर दी है। जिससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
सालिगराम शाक्य ने कहा कि युवा मुख्यमंत्री को बीएड धारक युवा बेरोजगारों की समस्या को समझने के साथ ही वर्तमान में शिक्षकों की भर्ती के लिए जागरूक होना चाहिए। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों के हितों के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
अभिषेक गुप्ता ने कहा कि युवा मुख्यमंत्री टीईटी अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेकर नई पहल करेंगे। बैठक को अनिल दिवाकर, सोनू यादव, दीपक तिवारी, अवधेश गुप्ता, राकेश गुप्ता, धर्म नारायण, अनिल कुमार, नीरज पांडेय ने संबोधित किया।

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धरने को सफल बनाने का आह्वान
अहरौला (सं.)। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा इकाई अहरौला की बैठक शुक्रवार को हुई। इसमें अभ्यर्थियों से लखनऊ अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन को सफल बनाने का आह्वान किया गया। इस मौके पर रघुवंशी, दीपक गिरी, अयोध्या कुमार, विरेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार, रजनीकांत, मिथिलेश कुमार, पंकज यादव, अजय सोनी, कृष्ण कुमार सिंह, सुनीता मौर्या, राजबहादुर यादव आदि उपस्थित थे।

News : Amar Ujala (28.4.12)
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टीईटी अभ्यर्थियों ने बनाई आंदोलन की रणनीति
 अंबेडकरनगर, टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अभ्यर्थियों ने कलेक्ट्रेट के समक्ष बैठक कर शनिवार को लखनऊ में होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने की रणनीति तैयार की। साथ ही निर्णय लिया कि शनिवार को भोर में समूह में प्रदेश की राजधानी के लिए कूच करेंगे। 
आंदोलन की तैयारी पर चर्चा करते हुए बड़ी संख्या में राजधानी पहुंचने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से अलग-अलग टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई। निर्देशित किया गया कि प्रत्येक अभ्यर्थी को यह मानकर चलना है कि लड़ाई फाइनल की है। वक्ताओं ने जोर देते हुए कहा कि सरकार का रवैया इसी तरह अड़ियल रहा तो संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसके पूर्व टीईटी आंदोलन के दौरान बुलंदशहर के महेंद्र व संतकबीरनगर के अंगद चौरसिया की शहादत पर श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। इस मौके पर अनिल कुमार वर्मा, राधेश्याम, रजनीश, राम कोमल, बृजेश कुमार, प्रदीप, राकेश व आत्माराम समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

News : Jagran (28.4.12)


UPTET :  टीईटी घोटाला - जेडी और डीआईओएस दफ्तर में जांच

एंटीकरप्शन टीम ने लिया अफसरों की भूमिका का ब्यौरा

कानपुर। टीईटी घोटाले की जांच कर रही पुलिस की एंटीकरप्शन शाखा की दो सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) और डीआईओएस कार्यालय में छानबीन की। लखनऊ से टीम के आने से कार्यालय में हड़कंप मचा रहा। जेडी और डीआईओएस के कार्यालय में न होने पर टीम ने विभाग के बाबुओं से  परीक्षा प्रक्रिया की पड़ताल की। वहीं, डीआईओएस द्वितीय से भी परीक्षा में उनकी भूमिका के बारे में पूछा। इंस्पेक्टर आरके सिंह के नेतृत्व में एंटीकरप्शन की टीम शुक्रवार दोपहर चुन्नीगंज स्थित जेडी कार्यालय पहुंची। जेडी माया निरंजन के कार्यालय में न मिलने पर विभाग के बाबुओं से प्रश्न पत्रों की गोपनीयता, प्रश्न पत्र रखने के स्थान, परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र पहुंचाने और ओएमआर शीट को सील बंद करने की प्रक्रिया के बारे में पूछा। इसके बाद टीम डीआईओएस कार्यालय पहुंची।
 डीआईओएस शिवसेवक सिंह के न होने पर टीम ने डीआईओएस द्वितीय विभा शुक्ला से परीक्षा केंद्र निर्धारण में उनकी भूमिका और परीक्षा के दौरान केंद्रों का दौरा करने के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में उनकी कोई भूमिका नहीं थी जबकि पांच केंद्रों का निरीक्षण उन्होंने किया था।

News : Amar Ujala (28.4.12)
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UPTET : अभी और हटेंगे घोटालेबाजों के चेहरे से नकाब

कानपुर, नगर प्रतिनिधि : 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के घोटाले में अभी दलाल, शिक्षा विभाग के अफसर और कुछ लिपिकों के नाम भी सामने आ सकते हैं। यह संकेत शिक्षा विभाग में जांच कर लौटी एंटी करप्शन टीम ने दिये। टीम के मुताबिक तीन-चार माह में जांच पूरी होने की संभावना है।

पिछले वर्ष 13 नवंबर को आयोजित टीईटी परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को घोषित किया गया था। परीक्षा में सवालों को लेकर परिणाम में कई बार संशोधन हुआ, इसके बाद भी हेरफेर किया गया।

सूत्रों के मुताबिक रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन शिक्षानिदेशक संजय मोहन और उनके दामाद धीरज गर्ग के यहा छानबीन में इलाहाबाद से टीईटी घोटाले का कनेक्शन मिला है। चुनाव के पहले रमाबाईनगर पुलिस ने तत्कालीन डीजीपी अतुल कुमार को अवगत करा दिया था। जांच के बाद संजय मोहन समेत आधा दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुक्रवार को विजिलेंस की एंटी करप्शन टीम ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में परीक्षा प्रक्रिया व परीक्षा केंद्रों के निर्धारण को समझने के साथ शासनादेश भी देखा। साथ ही तीन लिपिकों के बारे में भी पूछताछ की। हालांकि एंटी करप्शन टीम जांच की बात कहकर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। इनकी संलिप्तता खंगालने के बाद सुबूत के साथ पुलिस इन पर हाथ डालेगी।

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'डीआईओएस और संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में अधिकारियों एवं लिपिकों से पूछताछ की। मामले में आधी विवेचना हो चुकी है, तीन-चार माह में पूरी होने की संभावना है। '

- एके सिंह, इंस्पेक्टर एंटी करप्शन (विजिलेंस)

News : Jagran (27.4.12)

यूपी में प्रमोशन में आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
(Reservation in Promotion is cancelled by Supreme Court, Shocking News for Mayavati Government)

नई दिल्ली। पूर्ववर्ती मायावती सरकार के एक बड़े फैसले को जबरदस्त झटका लगा है। मायावती ने प्रमोशन में रिजर्वेशन लागू किया था जिसके चलते उत्तर प्रदेश के हजारों कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रमोशन मिला था। प्रमोशन पाने वाले सारे लोग आरक्षित वर्ग के हैं। इसके चलते सालों जूनियर लोग अपने सीनियर्स से भी सीनियर हो गए थे। हाई कोर्ट ने इस फैसले को गलत करार दिया था जिसपर तत्कालीन मायावती सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन सभी लोगों का प्रमोशन वापस लिया जाएगा। इसके अलावा लोगों के प्रमोशन सिनियोरिटी लिस्ट के मुताबिक ही होंगे। और जिनका प्रमोशन हो चुका है उनकी सिनियोरिटी लिस्ट में वो ही जगह हो जाएगी जो पहले थी।

वहीं अखिलेश की सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही तय कर चुकी थी कि वो इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी।

मालूम हो कि अगर ये फैसला लागू रहता तो अगले 7 साल में हर विभाग का विभागाध्यक्ष सिर्फ आरक्षित वर्ग का रहता। गौरतलब है कि कि मायावती सरकार ने राज्य कर्मचारियों की प्रोन्नति में दलितों के लिए आरक्षण का प्रावधान कर दिया था। राज्य कर्मचारियों का एक बड़ा तबका इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गया। हाई कोर्ट ने माना कि प्रमोशन में आरक्षण नहीं होना चाहिए। मायावती सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गयी थीं।

News : khabar.ibnlive.in.com ( 27.04.2012)

UPTET : मुख्यमंत्री से मिलेगा टीईटी संघर्ष मोर्चा

संभल/चंदौसी। टीईटी संघर्ष मोर्चा की सरदार भगत सिंह पार्कमें हुई बैठक में शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मिलकर नौकरी दिलाने की मांग रखने का निर्णय लिया गया। टीईटी अभ्यर्थियों की सरदार भगत सिंह पार्क में बैठक हुई। जिला महा सचिव प्रियंक त्यागी ने कहा कि सभी अभ्यर्थी कल लखनऊ पहुंचकर अपनी ताकत  का अहसास कराते हुए सीएम केसामने उपस्थित होकर अपनी मांग रखेंगे। सरकार से जल्दी से जल्दी नौकरी दिलाने की मांग करेंगे। इस मौकेपर महिपाल सिंह, मुहम्मद तसलीम, अचल सक्सेना, तौकीर अहमद, रामवीर सिंह, मुहम्मद हिलाल, सौरभ गुप्ता, जफर उल्ला खान, सुनील कुमार, आनंद कुमार, लौकेश कुमार, काविंद्र सिंह आदि रहे। वहीं चंदौसी। टीईटी बेरोजगार 27 अप्रैल को लखनऊ में सरकारी नौकरी के लिए सरकार के समक्ष हुंकार भरेंगे। लखनऊ कूच की तैयारी शुरू हो गई है और इसी क्रम में गुरुवार को बैठक हुई जिसमें विष्णु कुमार, जयप्रकाश, मोहम्मद अशरफ, प्रभाकर शर्मा, मनोज कुमार, विशाल शर्मा आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता उमेश यादव ने की। संचालन हरेंद्र सिंह ने किया।


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