Thursday, April 12, 2012

टीईटी पर नहीं बनी सहमति
हाई पावर कमेटी की बैठक फिर होगी 18 को
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाए या न किया जाए, इस पर निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर की पुलिस को जांच के लिए टीईटी से संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्य सचिव इस संबंध में पुन: 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। आज हुई बैठक में रमाबाई नगर की पुलिस द्वारा इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट पर मंथन किया गया। बताया जाता है कि रमाबाई नगर की पुलिस की जांच रिपोर्ट को यदि आधार माना गया, तो टीईटी को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को हाई पावर कमेटी की बैठक में सदस्य सचिव व सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार, प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव, माध्यमिक शिक्षा सचिव जितेंद्र कुमार और सचिव न्याय शामिल हुए। सबसे पहले रमाबाई नगर की पुलिस द्वारा इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट रखी गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक टीईटी में अंक बढ़ाने के लिए सुनियोजित तरीके से गिरोह बनाकर इस धांधली को अंजाम दिया गया। पुलिस को नई दिल्ली स्थित परीक्षा परिणाम बनाने वाली कंपनी एसके डेटा प्रिंटर के यहां छापेमारी के दौरान 4500 ऑसर शीट ऐसे मिले हैं जिसे फ्ल्यूड लगाकर अंक बढ़ाए गए हैं। जांच के दौरान धांधली के अन्य कई सुबूत भी मिले हैं। बैठक में तय किया गया कि टीईटी से जुड़े अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को 18 अप्रैल को बुलाया जाए, इसके बाद कमेटी कोई निर्णय करेगी।
संजय मोहन की जमानत पर सुनवाई 23 को, काउंटर लगाएगी सरकार
इलाहाबाद/लखनऊ(ब्यूरो)। टीईटी घोटाले के प्रमुख आरोपी और पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन के जमानत प्रार्थनापत्र पर 23 अप्रैल को सुनवाई होगी। उधर लखनऊ में सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई रिव्यू बैठक में तय किया गया कि विभाग इसके पहले अपना काउंटर दाखिल कर देगा। संजय मोहन ने गैंगस्टर के तहत दर्ज मुकदमे में भी जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दिया है। इस पर भी सुनवाई के लिए 23 अप्रैल की तिथि नियत की गई है। उल्लेखनीय है कि टीईटी में घोटाले के खिलाफ कानपुर देहात में सर्वप्रथम सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी कराई गई थी। इसमें संजय मोहन का नाम नहीं था। जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आने पर उनका नाम भी शामिल किया गया। संजय मोहन पर आरोप है कि उनके पास से 4 लाख 65 हजार रुपये नकद और 260 अभ्यर्थियों की मार्कशीट बरामद हुई है जिसमें ओवर राइटिंग की गई थी। बाद में उनके खिलाफ गैंगस्टर के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया।
टीईटी पर शासन की सधी चाल
(UPTET : Government's Smart Move on TET Exam )

लखनऊ, 11 अप्रैल (जागरण ब्यूरो) : मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और उससे जुड़ी 72,825 शिक्षकों की भर्ती से संबंधित पहलुओं पर प्रारंभिक चर्चा की। मुख्य सचिव ने समिति के सदस्यों से टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े नियम कायदे और इनमें बरती गईं विसंगतियों की जानकारी हासिल की। यह भी तय हुआ कि इस विषय पर चर्चा करने के लिए 18 अप्रैल को फिर बैठक बुलायी जाए। समिति को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी है। बैठक में मुख्य सचिव को टीईटी के संदर्भ में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना और प्रदेश में टीईटी के आयोजन के संदर्भ में राज्य सरकार के शासनादेशों से अवगत कराया गयाटीईटी के प्रश्नपत्र में कथित गड़बडि़यों को लेकर अभ्यर्थियों की दायर याचिकाओं और उन पर कोर्ट के निर्देश की भी उन्हें जानकारी दी गई। टीईटी के परीक्षा परिणामों में संशोधनों से भी उन्हें वाकिफ कराया गया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा ने टीईटी के परीक्षा परिणाम में की गई धांधली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन और कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में मुख्य सचिव को बताया।  उन्होंने पुलिस विवेचना के तथ्यों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि टीईटी और उससे जुड़ी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के बारे में जो भी निर्णय लेना है, उसके सभी पहलुओं पर और गंभीरता से विचार कर लिया जाए। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि यदि परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया जाता है तो उसके लिए पुख्ता आधार क्या होंगे। इस बात पर भी मंथन हुआ कि यदि नए सिरे से परीक्षा करानी पड़े तो सुधार के लिहाज से पुरानी प्रक्रिया में क्या संशोधन अपेक्षित होंगे। इस संभावना पर भी विचार विमर्श हुआ कि यदि टीईटी को निरस्त किया जाता है तो क्या अभ्यर्थी अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की अनुमानित संख्या पर भी चर्चा हुई। 
अफसरों ने इस पर भी चर्चा की कि टीईटी और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की स्थिति में यदि सरकार को अदालत में अपने पक्ष का बचाव करना पड़ा तो कोर्ट में उसकी दलील क्या होगी। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव न्याय जेडयू खान, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसी शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार और सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।

News : Jagran ( 12.4.12)

टीईटी निरस्त करने पर नहीं बनी सहमति 
(UPTET : Consensus NOT made to cancel UP TET Exam 2011 )

लखनऊ। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाने पर निर्णय नहीं हो सका। बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर पुलिस कोे जांच के लिए टीईटी से संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्य सचिव इस संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। बताया जाता है कि इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट को यदि आधार माना गया तो टीईटी को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है। बैठक में सबसे पहले रमाबाई नगर की पुलिस की ओर से इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट रखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक टीईटी में अंक बढ़ाने के लिए सुनियोजित तरीके से गिरोह बनाकर धांधली को अंजाम दिया गया। 
पुलिस को नई दिल्ली स्थित परीक्षा परिणाम बनाने वाली कंपनी एसके डेटा प्रिंटर के यहां छापेमारी के दौरान 4500 ऑसर शीट ऐसे मिले हैं जिसे फ्ल्यूड लगाकर अंक बढ़ाए गए हैं। जांच के दौरान धांधली के अन्य कई सुबूत भी मिले हैं। बैठक में तय किया गया कि टीईटी से जुड़े अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को 18 अप्रैल को बुलाया जाए, इसके बाद कमेटी कोई निर्णय करेगी। 
गौरतलब है कि मायावती सरकार ने यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी आयोजित कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी रिजल्ट आने के बाद दिसंबर में अंक बढ़ाए जाने का खुलासा हुआ था। इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया था। टीईटी पास अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर इस संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस संबंध में न्याय संगत निर्णय किया जाएगा और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी।

हाईकोर्ट में काउंटर लगाएगी सरकार
लखनऊ। टीईटी मामले में गिरफ्तार तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की जमानत पर हाईकोर्ट में 23 अप्रैल को सुनवाई है। सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई रिव्यू बैठक में तय किया गया कि विभाग इसके पहले अपना काउंटर दाखिल कर देगा।

News : Amar Ujala (12.4.12)

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